दशहरा को विजयादशमी भी कहा जाता है

रावण दहन यानी रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद का पुतला जलाने की है परंपरा

शस्त्र पूजा का मुहूर्त दोपहर 02:03 बजे से है

विजयादशमी  दोपहर 3.03 बजे से 3.49 बजे तक  मनाई जाएगी

रावण दहन के लिए श्रवण नक्षत्र का होना बहुत ही आवश्यक

प्रदोष काल में ही रावण दहन का आयोजन किया जाता है

 बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है

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